सफेद छड़ी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बलिया उत्तरप्रदेश
सर्व सेवा संस्थान, नवरतनपुर-रसड़ी, नवानगर बलिया द्वारा विश्व सफेद छड़ी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्रता सेनानी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नवरतनपुर में किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सफेद छड़ी क्या होती है? इसके बारे में बताना। इसे कौन प्रयोग करतें है, दृष्टि दिव्यांग लोगों के प्रति संवेदनशील होना, दृष्टि बाधित छात्र को समाज के मुख्यधारा में लाने व जोड़ने हेतु हर सम्भव प्रयास करना। चलनसीलता के बारे में अवगत कराना।
इस अवसर पर जय राम प्रजापति ने बताया कि विश्व सफेद छड़ी दिवस हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे सफेद छड़ी सुरक्षा दिवस के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन को पहली बार 1964 में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन द्वारा मनाया गया था। 2011 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस दिन को ब्लाइंड अमेरिकन समानता दिवस का नाम दिया। यह दिन अब दुनिया भर में मनाया जाता है और नेत्रहीन लोगों के समाज में निर्भरता से सक्रिय भागीदारी के आंदोलन को मान्यता देता है।
इस अवसर पर रंजना कुमारी ने बताया कि दृष्टि दिव्यांग लोग अपने आस-पास के वातावरण को समझने के लिए अपनी श्रवण और स्पर्श इंद्रियों का उपयोग करते है। यह उन्हें स्थिति, दिशाओं, बाधाओं का आकलन करने और बिना किसी घबराहट व हिचकिचाहट के तुरंत निर्णय लेने में मद्द करता है। यह उपकरण व्यक्ति को अपने जीवन में लगभग हर काम बिना किसी कठिनाई के स्वतंत्र हो कर, करने में सक्षम बनाता है।
इस अवसर पर ममता प्रजापति ने बताया कि सफेद छड़ी दृष्टि दिव्यांगजन के लिए आवागमन में बहुत मद्द करता है वह इसके द्वारा कही आराम से भी चला जा सकता है। आज कल सफेद छड़ी स्मार्ट रूप में भी आने लगी है जिसमें सेन्सर लगा होता है। अगर सामने कोई बाधा है उसके बारे में छड़ी बता देती है।
इस अवसर पर सुनिल कुमार प्रजापति, नागेन्द्र यादव, पवन, अरविन्द्र, सतीश, प्रिंस एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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