किसानों के हितों को ताक पर रखकर अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगे हु

किसानों के हितों को ताक पर रखकर अपनी स्वार्थ सिद्धि में ल

सुखपुरा(बलिया)।:



एक तरफ जहां सरकर किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।वहीं कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के चक्कर में लाखों किसानों के हितों को ताक पर रखकर अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं।जिसका जिता जगता उदाहरण बेरूआरबारी ब्लॉक  के सबसे बड़े ग्राम पंचायत सुखपुरा में बन रहे, किसान कल्याण केंद्र के निर्माण के अधर में पड जाने से साफ दिख रहा है।ज्ञात हो की सरकर के मांसा के अनुरूप पिछले वर्ष 30 नवंबर 2024 को क्षेत्रीय विधायक केतकी सिंह द्वारा ग्राम पंचायत सुखपुरा के माँ भगवती मन्दिर के समीप स्थित जमीन पर शिलान्यास अन्न फान्न में जरुर करा दिया गया था।कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट  कार्पोरेशन लिमिटेड ( यूपीपीसीएल) द्वारा उक्त कार्य को प्रारंभ भी कर दिया गया था।लेकिन मनानीय उच्च न्यायालय में वाद लंबित होने और  स्थागण आदेश परित होने की वजह से निर्माण कार्य रूक गया।सरकर द्वारा किसानों की साहूलियत के लिए एक ही छत के नीचे कृषि संबंधित सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांसा से जमीन ढूंढा जा रहा था।जिसके क्रम में ग्राम पंचायत सुखपुरा में ग्राम प्रधान द्वारा उक्त जमीन का आवंटन अधिकारियों  को अंधकार में रखकर किसान कल्याण केंद्र के लिए तथ्यओं को छुपा कर कर दिया गया।जबकी पहले से ही उक्त भूमि पर स्थानिय कस्तकरों का न्यायालय में वाद लंबित था।कार्य प्रारंभ होने पर किसान तत्काल मनानीय उच्च न्यायालय से स्थागन आदेश पारित कराकर स्थानीय पुलिस प्रशासन के मध्यम से कार्य रूकवा दिया गया।जिससे लगभग 1 करोड़ 21 लख की लगत से बनने वाला किसान कल्याण केंद्र लगभग दस महीने से अधर में  लटका हुआ है ।ज्ञात हो कि विवादित जमीन पर अगर यह कार्य नहीं हुआ होता तो सरकर का लाखों रुपए खर्च नहीं हुआ होता और किसी सुरक्षित स्थान पर इसका निर्माण हो गया होता, तो अब तक किसानों को इसका लाभ भी प्राप्त होता। लेकिन राजनीतिक महत्व कांक्षा की लोलुप्क्ता में कुछ लोगों ने सरकर को ही गुमराह करने का प्रयास कर सरकारी धन के लाखों रुपए को पानी में बहाने का प्रयास किया है। और किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।यही नहीं इसके पूर्व अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत बनने वाले गोदाम पर भी माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश होने से अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत गोदाम भी  वर्षों से  अधर में पड़ा हुआ है ग्राम पंचायत की यह दूसरा विकास योजना भी माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण आधार में पड़ा हुआ है

Post a Comment

0 Comments