मौनी अमावस्या पर विशेष

 मौनी अमावस्या का महत्व

प्रतापगढ़ लखनऊ उत्तरप्रदेश

माघ महीने की अमावस्या को माघी  अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इस वर्ष 29 जनवरी दिन बुधवार को अमावस्या पड़ रही है। वर्ष भर की 12 अमावस्या में यह एकमात्र ऐसी अमावस्या है जिसमें स्नान, दान, साधना, तथा पूजा पाठ का महत्व है। मान्यता है कि माघ महीने की अमावस्या को दान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।  मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसीलिए भक्त प्राणी संत महात्मा एक माह कुटी बनाकर गंगा स्नान तथा जप तप ध्यान करते हैं पद्म पुराण में कहा गया है अन्य मास की अपेक्षा माघ मास में जप तप ध्यान दान से विष्णु भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसी कारण माघ मास में गंगा स्नान का बहुत महत्व है माघ मास की अमावस्या को गंगा स्नान करने को सर्वोत्तम माना गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के पाप तो धुलते ही है साथ ही साथ मन भी आस्था की ओर बढ़ता है।

मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है इस दिन गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। माघ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं इस दिन मौन रहकर स्नान करना चाहिए। मुनि शब्द से ही" मौनी "की उत्पत्ति हुई है। इस दिन मौन रहकर गंगा संगम में स्नान करना चाहिए। माघ मास के स्नान का सबसे बड़ा पर्व अमावस्या ही है। इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान करना और दान देने से विशेष फल की प्राप्त होती है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या को देवता गण अदृश्य रूप में आकर संगम में स्नान करते हैं। इस दिन किए गए दान पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुना पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोष का प्रभाव भी नष्ट हो जाता है इस वर्ष 29 जनवरी दिन बुधवार को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। सभी अमावस्या तिथियो में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। अमावस्या के दिन काला तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान करना शुभ माना जाता है। हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है।
सीमा त्रिपाठी

शिक्षिका साहित्यकार लेखिका

लालगंज प्रतापगढ़

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