विचारों की दिशा से तय होती है राजनीति की दिशा :

 

विचारों की दिशा से तय होती है राजनीति की दिशा : समाजसेवी भरत राय


बलिया। 


समाजसेवी भरत राय ने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश की प्रगति उस प्रदेश के नेतृत्व की सोच और कार्यशैली पर निर्भर करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच न सिर्फ सुनियोजित है, बल्कि विकासोन्मुख भी है। उनके नेतृत्व में देश और प्रदेश ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यही कारण है कि आज भारत विश्व पटल पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।

भरत राय ने कहा कि मोदी और योगी का दृष्टिकोण केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि जनकल्याण, राष्ट्रनिर्माण और सामाजिक सौहार्द पर आधारित है। उनकी कार्यपद्धति में पारदर्शिता और जवाबदेही झलकती है। यही वजह है कि जनता का विश्वास निरंतर उनके प्रति बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की सोच और मजबूत इच्छाशक्ति ही एक सशक्त प्रशासन की पहचान होती है।

वहीं दूसरी ओर, समाजसेवी ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के कुछ अन्य नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत से राजनेताओं की सोच की दिशा सही नहीं है। वे विकास से अधिक सत्ता की राजनीति में उलझे हुए हैं। देश को आगे बढ़ाने के लिए साफ नीयत और दूरदृष्टि आवश्यक है, जो आज अधिकांश नेताओं में नहीं दिखती।

बिहार चुनाव पर चर्चा करते हुए भरत राय ने कहा कि वहां की राजनीतिक परिस्थिति इस समय परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। प्रशांत किशोर द्वारा नए चेहरे और युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर केवल रणनीतिकार नहीं, बल्कि दूरदर्शी विचारक हैं। यदि वे अपनी पार्टी जनसुराज के सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए जनता से जुड़ाव बनाए रखते हैं, तो आने वाले समय में वे बिहार की राजनीति में मजबूत विकल्प बन सकते हैं।

भरत राय ने कहा कि बिहार को आज ऐसी राजनीति की जरूरत है जो जातिवाद और परिवारवाद से ऊपर उठकर विकास, शिक्षा और रोजगार पर केंद्रित हो। जनता अब बदलाव चाहती है और इस बदलाव की दिशा में प्रशांत किशोर जैसी सोच रखने वाले लोग नई उम्मीद जगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में अब वैचारिक स्पष्टता, ईमानदार नेतृत्व और जनसरोकारों की प्राथमिकता सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। मोदी और योगी की सोच इसका उदाहरण है, वहीं बिहार में प्रशांत किशोर जैसी नई सोच भविष्य की राजनीति को नई दिशा दे सकती है। यही सकारात्मक सोच भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाएगी।


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