छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता पर यूपी सरकार का सख्त रुख

 

छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता पर यूपी सरकार का सख्त रुख

बलिया (राष्ट्र की संपत्ति)

उत्तर प्रदेश सरकार ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण में लगातार हो रही देरी और गड़बड़ियों पर सख्त रुख अपनाया है। शासन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए छात्रवृत्ति पोर्टल खोलने का आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया है कि छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया तय समय-सारिणी के अनुसार पूरी की जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारी और संस्थान जिम्मेदार माने जाएंगे।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शिक्षण संस्थानों द्वारा मास्टर डाटा लॉक करने की प्रक्रिया 10 से 14 अक्टूबर तक चलेगी। विश्वविद्यालय एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी को फीस एवं सीट सत्यापन 26 अक्टूबर तक पूरा करना होगा। छात्रों के ऑनलाइन आवेदन 27 से 31 अक्टूबर तक लिए जाएंगे, जबकि आवेदन की हार्ड कॉपी जमा करने की अंतिम तिथि 1 नवंबर तय की गई है। संस्थान 2 नवंबर तक सत्यापन कर आवेदन अग्रसारित करेंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर सत्यापन 3 से 6 नवंबर और एनआईसी द्वारा स्क्रूटनी 3 से 7 नवंबर तक होगी।

त्रुटिपूर्ण आवेदन 8 से 11 नवंबर तक सुधारे जा सकेंगे, जबकि संशोधित आवेदन 12 नवंबर तक अग्रसारित होंगे। एनआईसी की अंतिम जांच 13 से 18 नवंबर और जनपदीय समिति द्वारा डाटा लॉक 8 से 25 नवंबर के बीच किया जाएगा। इसके बाद 27 नवंबर को मांग सृजन और 28 नवंबर को पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में धनराशि अंतरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशानुसार सभी शिक्षण संस्थानों को समयसीमा का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। विभाग द्वारा निगरानी टीमें गठित की जा रही हैं, जो प्रत्येक चरण की समीक्षा करेंगी। उन्होंने कहा कि इस बार किसी भी पात्र छात्र को तकनीकी या प्रशासनिक कारणों से छात्रवृत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। सरकार के इस सख्त तेवर से उम्मीद है कि छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी, जिससे हजारों जरूरतमंद छात्रों को समय पर राहत मिल सकेगी।

Post a Comment

0 Comments