शताब्दी वर्ष पर संघ का भव्य पथ संचलन, पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत

 

शताब्दी वर्ष पर संघ का भव्य पथ संचलन, पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत
सेवा, समर्पण और राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ संघ ने मनाया गौरवशाली क्षण

बलिया




राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जिला रसड़ा के महाराणा प्रताप बस्ती इकाई द्वारा मंगलवार को शताब्दी वर्ष के अवसर पर भव्य पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी द्वारा पथ संचलन गीत के साथ किया गया, जिसके साथ ही पूरा नगर राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग गया।

पथ संचलन दल सरस्वती शिशु मंदिर से रवाना होकर इंदिरा मार्केट, न्यू मार्केट, बस स्टेशन चौराहा, बेल्थरा मार्ग, मिल्की मोहल्ला, नूरानी मस्जिद, आनंदी चौक, बाजार चौक, पुलिस चौक, जाल्पा तिराहा होते हुए पुनः सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचा, जहां कार्यक्रम का समापन हुआ। मार्गभर नगरवासियों ने फूल बरसाकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया।

अपने संबोधन में सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी ने कहा कि “संघ ने विपरीत परिस्थितियों में भी सेवा, समर्पण, त्याग और राष्ट्र प्रेम के साथ 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी की है।” उन्होंने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि पंच प्रणों के माध्यम से समाज निर्माण का संकल्प है। इसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्यों का पालन और स्वास्थ्य जागरूकता जैसे विषयों पर व्यापक कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज संघ एक वटवृक्ष के रूप में समाज के हर वर्ग में अपनी सेवा भावना का विस्तार कर रहा है। संघ का उद्देश्य समाज में एकता, अनुशासन और राष्ट्र चेतना को सुदृढ़ करना है।

इस अवसर पर सह जिला संघचालक लालबचन जी, जिला सेवा प्रमुख नायब जी, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख विवेकानंद, नगर संघचालक दिनेश जी, शाखा कार्यवाह गुलाब जी, नगर कार्यवाह अविनाश मिश्रा, मुख्य शिक्षक संजय सोनी, नगर पालक मानिकचंद्र, नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख अंकेश विश्वकर्मा, गणशिक्षक अभिषेक सोनी, व्यवस्था प्रमुख कैलाश जी, कुटुंब प्रबोधन प्रमुख अवधेश सिंह, विनय जायसवाल, राकेश बरनवाल, दिलीप जायसवाल, रणजीत रावत, डॉ. उमेश चंद्र, रिंकी जायसवाल, संतोष सोनी, मोहनीश जायसवाल, पूर्व विधायक संजय यादव, संजय जायसवाल, आशुतोष गुप्ता सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

नगर में हुए इस पथ संचलन ने न केवल राष्ट्रीय एकता और अनुशासन का संदेश दिया, बल्कि लोगों में देशभक्ति और सामाजिक समरसता की भावना को भी जागृत किया। जगह-जगह “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा।

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