सोशल मीडिया प्रचार से उजागर हुआ काला सच

सोशल मीडिया प्रचार से उजागर हुआ काला सच

उत्तर प्रदेश के जिलों में स्पा-सेंटर पर सीटीएस कार्रवाई — दर्जनों युवक-युवतियाँ पकड़े गए, कानून की चून-चुन कर कार्रवाई

लखनऊ।


उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में सोशल मीडिया पर चल रहे संदिग्ध स्पा एवं मसाज सेंटरों के प्रचार ने पुलिस की नज़र में कटाक्ष ला दिया। सोशल मीडिया पर इन प्रचारों के आधार पर पुलिस ने प्रमुख जिलों—जिसमें ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, वारणसी और प्रयागराज (इलाहाबाद) शामिल हैं—में एक साथ छापेमारी शुरू की।

इन कार्रवाइयों के दौरान विभिन्न समाचार स्रोतों के अनुसार:

  • ग़ाज़ियाबाद (Pacific Mall, Kaushambi): 8 स्पा सेंटरों पर छापामारी में 60 महिलाएँ और 39 पुरुष पकड़े गए, कुल 99 लोग हिरासत में लिए गए। इनमें से 21 महिलाओं व 39 पुरुषों पर Immoral Traffic (Prevention) Act के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, जबकि 39 महिलाएँ निर्दोष करार देकर परिवारों के पास भेज दी गईं ।

  • नोएडा (Baraula Village, Spa Center): एनटीएफयू (AHTU) और सेक्टर-49 पुलिस की संयुक्त छापेमारी में 2 पुरुष गिरफ्तार, 2 महिलाएं बचाई गईं, जबकि 3 संदिग्ध फरार । इनके खिलाफ आईपीसी धारा 370 (मानव तस्करी) और ITA की धाराओं में केस दर्ज हुआ।

  • वाराणसी (हाल ही में—4 अगस्त 2025): दो स्पा-सेंटरों पर छापेमारी में 14 लोग हिरासत में लिए गए, जिनमें 8 महिलाएं और 5 पुरुष ग्राहक तथा एक व्यक्ति सम्बंधित संचालक शामिल था ।

  • प्रयागराज (इलाहाबाद): पुलिस ने स्पा-सेंटर्स की जांच अभियान शुरू किया; केवल सिविल लाइंस में ही 90 स्पा-सेंटर चल रहे, जिनमें से कई बिना लाइसेंस या पंजीकरण के संचालित हो रहे थे। चार स्पा सेंटरों की कार्रवाई में 20 लोग (13 महिलाएँ) जेल भेजे गए ।


अभियानों का सामाजिक प्रभाव

इन छापों से स्पष्ट हुआ कि स्पा-सेंटर केवल स्वास्थ्य या विश्राम हेतु नहीं, बल्कि कई स्थानों पर अवैध और अनैतिक गतिविधियों का केंद्र बन चुके थे। पकड़े गए युवक-युवतियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है, और परिवारों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है। कामगार युवतियों में से कई आर्थिक दबाव में फँसी थीं, जिन्हें ब्लैकमेल या धोखे से इस नौकरी में शामिल किया गया था।


कानून क्या कहता है?

धाराएँ विवरण
IPC धारा 370 मानव तस्करी में दोष सिद्ध होने पर 10 साल तक की सज़ा (कठिन सज़ा)।
IPC धारा 372 व 373 वेश्यावृत्ति हेतु शोषण/उत्प्रेरण के लिए कठोर दंड।
अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 दोषी पाए जाने पर 6 महीने से 7 साल तक की सज़ा और जुर्माना।
आईटी एक्ट की धाराएँ सोशल मीडिया या ऑनलाइन माध्यम से ग्राहक जुटाने पर सज़ा।

इन धाराओं की सज़ाएँ कठोर हैं, जिसका उद्देश्य अवैध तथा मानवताविरोधी गतिविधियों को प्रभावी रूप से रोकना है।


आगे की राह

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान जारी रहेगा — जैसे ही किसी भी स्पा-सेंटर या अन्य नाम से अवैध गतिविधि की सूचना मिलेगी, तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई न सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि समाज, युवाओं और परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी अनिवार्य है।


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