कस्तूरबा विद्यालय हुसैनपुर की छात्राओं ने निकाली जागरूकता रैली,

कस्तूरबा विद्यालय हुसैनपुर की छात्राओं ने निकाली जागरूकता रैली, बैंक भ्रमण में दिखा उत्साह – कर्मचारियों की उदासीनता खली

बलिया।



कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हुसैनपुर, नवानगर की छात्राओं ने गुरुवार को सामाजिक जागरूकता अभियान के तहत एक रैली निकालकर शिक्षा, स्वच्छता और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को संदेश दिया। रैली विद्यालय परिसर से प्रारंभ होकर बंशी बाजार होते हुए स्थानीय बैंक तक पहुँची। इस दौरान छात्राओं ने हाथों में तख्तियां एवं बैनर लेकर विभिन्न नारे लगाए और ग्रामीणों व बाजारवासियों से बेटियों को शिक्षा देने, समानता का वातावरण बनाने और स्वच्छता अपनाने की अपील की।

छात्राओं का उत्साह देखने लायक था। स्थानीय लोगों ने उनके इस प्रयास की सराहना की और उनकी हौसलाअफजाई की। रैली के उपरांत छात्राओं ने बैंक का भ्रमण किया, जहाँ बैंक प्रबंधक एवं कर्मचारियों ने उन्हें बचत, खाता संचालन, डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय साक्षरता से संबंधित जानकारी दी। इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को आर्थिक साक्षरता के प्रति जागरूक करना और बैंकिंग व्यवस्था से परिचित कराना था। विद्यालय की वार्डन पुष्पा देवी ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे समाज में अपनी सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित होती हैं। इस अवसर पर वार्डन पुष्पा देवी, शिक्षिका शीला यादव सहित विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

हालाँकि, इस पूरे कार्यक्रम के दौरान एक खटकने वाली घटना भी सामने आई। छात्राओं को विद्यालय से लगभग दो किलोमीटर की दूरी तय कर तेज धूप में बैंक तक पहुँचना पड़ा। लेकिन बैंक पहुँचने पर कर्मचारियों ने उनके साथ मानवीय संवेदनशीलता नहीं दिखाई। न तो उन्हें बैठने के लिए उचित व्यवस्था दी गई और न ही प्यास बुझाने के लिए पानी तक उपलब्ध कराया गया। जबकि बैंक के बाइलॉज में प्रथम सिद्धांत के रूप में मानवीयता और उपभोक्ता के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार को सर्वोपरि माना गया है।

छात्राओं और शिक्षकों को इस उदासीनता से निराशा हुई। उपस्थित लोगों ने माना कि बच्चों को बैंक तक आमंत्रित करने के बाद उनके लिए न्यूनतम सुविधाएँ उपलब्ध कराना बैंक प्रबंधन का दायित्व था। यह स्थिति न केवल बैंकिंग कर्मचारियों की संवेदनहीनता को दर्शाती है, बल्कि संस्थागत स्तर पर मानवीय मूल्यों के प्रति लापरवाही की ओर भी इशारा करती है।

इसके बावजूद, इस कार्यक्रम से छात्राओं ने वित्तीय प्रणाली को करीब से समझने का अवसर पाया। वे डिजिटल बैंकिंग, खाता संचालन और बचत की आदत को जीवन में अपनाने के प्रति उत्साहित दिखीं। रैली और बैंक भ्रमण ने उनके मन में यह विश्वास जगाया कि शिक्षा और जागरूकता से वे समाज में बदलाव की अग्रदूत बन सकती हैं।

कस्तूरबा विद्यालय हुसैनपुर की यह पहल शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक चेतना और आर्थिक साक्षरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। छात्राओं की ऊर्जा और समर्पण जहाँ सबके लिए प्रेरणा है, वहीं बैंक कर्मचारियों का व्यवहार भविष्य में आत्ममंथन का विषय है।

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