मऊ में रामलीला का भव्य मंचन, दर्शकों ने लिया आनंद
मऊ। जिले में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की रामलीला का आयोजन बड़े धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ किया गया। इस वर्ष का मंचन विशेष रूप से भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता के वनवास पर केंद्रित रहा। कथा के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण माता सीता के साथ वन गए, और इस कथा को मंचन के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।
रामलीला कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया। मुख्य रूप से क्राइम इंस्पेक्टर नरेश मलिक आरक्षी सोहन सोनकर, मुख्य आरक्षी राहुल राय, आरक्षी राहुल यादव और आरक्षी जय सिंह यादव ने मंचन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने का जिम्मा संभाला। महिला आरक्षी सूची पाल और महिला आरक्षी प्रतिभा ने भी कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की। पुलिस टीम ने आगंतुकों की व्यवस्था, मार्गदर्शन और भीड़ नियंत्रण का जिम्मा बखूबी निभाया।
कार्यक्रम का मंचन शाम के समय खुले मैदान में किया गया। मंच पर भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता के पात्रों ने संवाद और अभिनय के माध्यम से वनवास की कठिनाइयों, त्याग और धर्म की भावना को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया। दर्शक, जिनमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग शामिल थे, इस धार्मिक नाटक को देखकर भावविभोर हो उठे। मंच सज्जा, रोशनी और पार्श्व संगीत ने दृश्य को और भी आकर्षक और जीवंत बना दिया।
कथा के माध्यम से यह दिखाया गया कि किस प्रकार भगवान राम और लक्ष्मण ने अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करते हुए कठिनाइयों का सामना किया। माता सीता के पात्र ने दर्शकों को स्त्री शक्ति, सहनशीलता और धार्मिक भक्ति का संदेश दिया। साथ ही, भरत और शत्रुघ्न के वन में जाने की तैयारी को भी मंच पर प्रदर्शित किया गया, जिससे भाईचारे और पारिवारिक बंधन का महत्व उजागर हुआ।
रामलीला का समापन दर्शकों द्वारा जोरदार तालियों और जयकारों के साथ हुआ। आयोजकों और पुलिस टीम के प्रयासों की प्रशंसा की गई। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षा देने वाला रहा, बल्कि लोगों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
मौके पर उपस्थित नागरिकों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं और बच्चों में संस्कृति, धर्म और नैतिक शिक्षा के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाते हैं। मऊ जनपद में आयोजित यह रामलीला अपने भव्य मंचन और सुरक्षित आयोजन के कारण यादगार बन गई


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