स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवाल


स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवाल


 ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध क्लिनिक, पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवाल


बलिया(राष्ट्र की संपत्ति)

 जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बदहाल है। जगह-जगह बिना मेडिकल डिग्री और बिना लाइसेंस के अवैध क्लिनिक, पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर कुकुरमुत्ते की तरह पनप गए हैं। नतीजा यह है कि भोले-भाले ग्रामीण मरीजों की जान के साथ आए दिन खिलवाड़ हो रहा है। हाल ही में पंदह ब्लॉक अंतर्गत उस्सा चट्टी पर एक कथित झोलाछाप डॉक्टर द्वारा महिला का गलत ऑपरेशन कर देने का मामला सामने आया। पीड़ित महिला ने सीधे जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया और स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि हर चट्टी-चौराहे और बाजार में अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। न केवल प्रतिबंधित और नकली दवाइयाँ बेची जा रही हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव, अवैध गर्भपात और खून की जांच जैसी गंभीर सेवाएँ भी गैर-प्रशिक्षित लोगों के हवाले कर दी गई हैं। सूत्र बताते हैं कि इन क्लीनिकों और मेडिकल स्टोरों पर मरीज भेजने के लिए बाकायदा एजेंटों की फौज खड़ी की गई है, जिन्हें भारी कमीशन दिया जाता है। वहीं, प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर परिजनों को धमकाकर या पैसों का लालच देकर मामले को दबा दिया जाता है। नाम न छापने की शर्त पर एक मेडिकल स्टोर संचालक ने खुलासा किया कि ज्यादातर स्टोर फर्जी डिग्री या किसी और के नाम पर चलाए जा रहे हैं। कई जगहों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी रकम चढ़ाकर यह कारोबार धंधे की तरह फल-फूल रहा है। ग्रामीणों ने इस गंभीर मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनकी मांग है कि जनपद भर में संचालित हो रहे सभी अवैध क्लिनिक, पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर की जांच कर उन्हें बंद कराया जाए और जिम्मेदारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जनपद बलिया के लिए यह कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग कब नींद से जागता है और ग्रामीणों की जान से चल रहे इस संगीन खिलवाड़ पर कब रोक लगाता है।

Post a Comment

0 Comments