सुप्रीम कोर्ट के आदेश
बलिया में किसी भी नगर पंचायत नगर पालिका में आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर स्थल चिनिहत नही
बलिया
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर 6–8 सप्ताह के भीतर शेल्टरों में रखने का सख़्त आदेश दिया है। आदेश के अनुसार, पाँच से छह हज़ार कुत्तों के लिए शेल्टर स्थल चिन्हित कर वहाँ स्टेरिलाइजेशन, टीकाकरण और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा इस कार्रवाई में रुकावट डालने पर कानूनी कार्रवाई होगी इसके बावजूद बलिया जनपद में नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर परिषद क्षेत्रों में एक भी शेल्टर स्थल चिन्हित नहीं किया गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला फाइलों में दबा हुआ है, जबकि शहर की गलियों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।
लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर बलिया में भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जल्द अमल नहीं हुआ, तो वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।
⚖ जनहित याचिका (PIL) का प्रारूप
उच्च न्यायालय, इलाहाबाद
- राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश
- नगर पालिका परिषद बलिया
- नगर पंचायत [अन्य]
- जिला अधिकारी, बलिया
प्रस्तावना:
- माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11 अगस्त 2025 को [नाम व संदर्भ – दिल्ली एनसीआर स्ट्रे डॉग्स केस] में आदेश दिया कि 6–8 सप्ताह के भीतर सभी आवारा कुत्तों को चिन्हित शेल्टरों में रखा जाए, जहाँ उनका स्टेरिलाइजेशन, टीकाकरण और देखभाल हो, और उन्हें सड़कों पर न छोड़ा जाए।
- आदेश में यह भी कहा गया कि किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा इस कार्य में रुकावट डालने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- बलिया जनपद में आज तक इस आदेश का पालन नहीं हुआ है; कोई शेल्टर स्थल चिन्हित नहीं है, जिससे जन सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
याचना:
- माननीय न्यायालय प्रतिवादियों को आदेश दे कि सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2025 के निर्देश का पालन बलिया जनपद में तुरंत किया जाए।
- नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत और नगर परिषदों को 6 सप्ताह की समयसीमा में शेल्टर स्थल चिन्हित करने और संचालन शुरू करने का आदेश दिया जाए।
- निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए एक स्थायी तंत्र बनाया जाए।


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