कलेक्ट्रेट परिसर में हषोल्लास के साथ मनाया गया 79वी स्वतंत्रता दिवस

 कलेक्ट्रेट परिसर में हषोल्लास के साथ मनाया गया 79वी स्वतंत्रता दिवस



बलिया (राष्ट्र की संपत्ति)



 स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण किया। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को नमन किया और राष्ट्रगान का सामूहिक गायन हुआ। जिलाधिकारी ने कहा कि सन् 1947 में हमारा देश आजाद हुआ था तब से लेकर आज तक हम लोग बहुत धूमधाम से स्वाधीनता दिवस मनाते हैं। यह स्वाधीनता दिवस हम सभी लोगों को उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि और शत-शत नमन करते हैं उनके कारण हमारा देश आजाद हुआ।लगभग 200 वर्षों से ब्रिटिश शासन के बाद हमें आजादी महान वीर पुरुषों ने दिलाई। अगर हम अपने देश के इतिहास के पन्ने को पलटे तो ईरान के हटवनी वंश के राजा योनी से लेकर मुहम्मद गजनी और मुहम्मद गोरी जितने क्रांतिकारी हमारे देश में आए पूरे भारतवर्ष का कब्जा नहीं कर सका, लेकिन दिसंबर 1600 में स्थापित ब्रिटिश इंडिया कंपनी ने व्यापार के रास्ते प्रवेश किया और धीरे-धीरे पूरे भारतवर्ष में अपना दंपति जमा लिया। पहले बॉम्बे, मद्रास एवं कोलकाता एजेंसी पर कब्जा किया। धीरे-धीरे सन् 1757 में क्लास युद्ध, 1764 में बक्सर का युद्ध के बाद उन्होंने पूरे हिंदुस्तान में ब्रिटिश इंडिया कंपनी स्थापित कर दिया और इसी का कारण था कि सन 1857 का गठन जिसमें बलिया के महान सपूतों ने बढ़ चढ़कर हिसा लिया था। सन् 1857 गदर के बाद 1858 में ब्रिटिश रूल स्थापित हो गया। लगभग 100 वर्ष तक ब्रिटिश इंडिया कंपनी ने लगभग 200 वर्षों में ब्रिटिश रास्ता के साथ हमारे महान सपूतों ने आजादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर शहीदों ने प्राणों की आहूति दी और जो उनका संकल्प था और जो उनकी भावनाएं थी। भावनाएं और उनके संकल्पों के आधार पर अपने जनपद, अपने प्रदेश और अपने देश में निरंतर आगे बढ़ाने में हम लोग निष्ठा पूर्वक दिन-रात कार्य करें और उनके सपनों को भी साकार करें। हमारा देश अति प्राचीन देश है प्राचीन सभ्यताओं में से एक है अगर विष्णु पुराण पढ़े तो उसमें लिखा गया है, समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण में पहला भू-भाग है उसे भारतवर्ष कहते हैं और यहां की संस्तुति भारतीय है इसे प्रमाणित होता है कि हमारा देश कितना प्राचीन है प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। ऐसा गौरवशाली हमारा देश है जिससे प्रेरणा मिलता है हमारा गौरवशाली तिरंगा ऐसे जो तीन रंगों का मेल है जिसमें ऊपर केसरिया हमारे साहस और ताकत को दिखाता है, सफेद रंग शांति सद्भावना का प्रतीक है और हरा रंग हमारा विकास को दिखाता है बीच में अशोक चक्र है वह हमारे आगे बढ़ने का प्रेरणा देता है, यह आन बान शान का प्रतीक है।

साथ ही कलेक्ट्रेट में स्थित सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया और स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा निकाली गई रैली को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में सीआरओ त्रिभुवन सिंह, एडीएम अनिल कुमार गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट आसाराम शर्मा व कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रामविचार पाण्डेय एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के परिवारगण आदि उपस्थित रहे।




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