बसंत पंचमी का पर्व शिक्षा और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित
बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा)
प्रतापगढ़ लखनऊ उत्तरप्रदेश
माघ महीने की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। इस वर्ष 3 फरवरी दिन सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। बसंत पंचमी का पर्व शिक्षा और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी है। ज्ञान को संसार में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मां सरस्वती की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और एकाग्रता बढ़ती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी तभी पूरे संसार को वाणी और ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस दिन विद्या के मंदिर में ज्ञान की देवी की विधिवत पूजा की जाती है। और विद्या की देवी की पूजा करके सभी आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का वस्त्र पहनना चाहिए। क्योंकि मां को पीला रंग बहुत पसंद है और पीले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। भारत में इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत भी हो जाती है। इसके अतिरिक्त शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है। पंचमी का पर्व पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदुओं का प्रमुख पर्व है जो समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक है। यह माघ महीने के पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन से होली के पर्व की शुरुआत होती है। देवी सरस्वती की पूजा से बुद्धि प्राप्त होती है। खेतों में पीली पीली सरसों लहराने लगती है। बसंत पंचमी के दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है। इसके लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जो भी व्यक्ति बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की विधि विधान से पूजा करता है उस पर माता की कृपा सदैव बनी रहती है। ब्राह्मण ग्रंथों के अनुसार वाग्देवी सरस्वती स्वरूपा कामधेनु तथा समस्त देवो की प्रतिनिधि हैं। यही विद्या, बुद्धि, और ज्ञान प्रदान करती है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए भी खास होता है। बसंत को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है अर्थात् सभी ऋतुओं में यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है । शिशिर ऋतु को अलविदा कहकर सभी आनंद की अनुभूति करते हैं। प्रकृति तो मानों उन्मादी हो जाती है। धरती के सौन्दर्य की बात ही निराली होती है। बसंत पंचमी का दिन सरस्वती देवी की साधना का दिन होता है।
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका
लालगंज प्रतापगढ़
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