कुडा निस्तारण केंद्र तैयार है। बावजूद इसके आज तक एक गाड़ी भी वहां कूड़ा नहीं गिराया गया विफलता
स्वच्छ भारत सुंदर भारत अभियान को मुंह चिढ़ाता कस्बा सुखपुरा
निर्धारित स्थान पर नही रखा जाता कूड़ा फिर क्यो बना फिर क्यो लाखो रुपये से बना आर आर सी केंद्र
सुखपुरा(बलिया)। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर गांव में स्वच्छता अभियान के तहत तमाम तरह के डस्टबिन, पक्का कूड़ादान, प्लास्टिक बैंक बनाकर गिला और सुख कूड़ा को एकत्र करने के लिए सरकार भले ही तरह-तरह के प्रयास कर रही हो, बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान इस अभियान का पलीता लगा रहे हैं। विकासखंड बेरुआरबारी का सबसे बड़ा गांव सुखपुरा कस्बा को ले लीजिए, तो लगे रोड पर बलिया सिकंदरपुर मुख्य मार्ग पर कूड़ा का ढेर किया गया था। जिसे निस्तार के नाम पर वही गड्ढे में पलट कर मिट्टी भरने का कार्य किया जा रहा है। जबकि सुखपुरा में आर आर सी केंद्र (कुडां एकत्र केंद्र)व प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट केंद्र का भी स्थापना किया गया है। जहां लगभग 9 ब्लॉक इस केंद्र से संचालित किए जाएंगे। वहां से अन्य ब्लॉकों से कूड़ा एकत्रित कर केंद्र पर लाया जाएगा, जहां प्लास्टिक, प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक की बोर सबको अलग-अलग छाट कर उसकी साफ सफाई करके उसका मशीन से कटींग किया जाएगा, उसी कटींग से रोड निर्माण में लाया जाएगा ,जो गांव सभा का आमदनी का एक मुख्य स्रोत होगा।वही बगल में आर आर सी केंद्र बना हुआ है, यहां गांव का कुडा चाहे वह गिला हो या सुखा हो केंद्र पर लाया जाएगा ,इसके लिए बकायदा ई रिक्शा भी रखा गया है, वहां कूड़ा को छानबीन करके अलग-अलग गड्ढे में रखा जाएगा, उसकी छटनी कर फिर प्लास्टिक मैनेजमेंट केंद्र पर उसकी कटिंग होगी। लेकिन सुखपुरा में देखा जाए तो लगभग 2 साल से बनकर यह कुडा निस्तारण केंद्र तैयार है। बावजूद इसके आज तक एक गाड़ी भी वहां कूड़ा नहीं गिराया गया है। अलबते जगह-जगह गांव ,कस्बे में जहां गड्ढे हैं, वहीं कूड़ा एकत्रित किया जाता है। और कुडे का निष्पादन के नाम पर उसी गड्ढे में पाट कर ऊपर से मिट्टी गिरा दिया जाता है।
इसका जीता जागता उदाहरण सुखपुरा कस्बा के मेंन रोड पर बलिया सिकंदरपुर मुख्य मार्ग पर देखा जा सकता है। जहां जेसीबी के माध्यम से कूड़ा को गड्ढे में पाट कर उसके ऊपर मिट्टी डालने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे ही कुडा निस्तारण केंद्र के बगल में देखा जाए तो भी गड्ढे में लगभग 1 साल का कूड़ा गड्ढे में दबाकर ऊपर से मिट्टी गिरकर पाट दिया गया है। इससे सरकार के महत्वाकांक्षी योजना और इतने रूपयो के लागत से बनाया यह केंद्र बेकार साबित हो रहा है। जिला अधिकारी का ध्यान इस तरफ आकर्षित करते हुए ग्रामीणों ने जांच की मांग की है।
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट केंद्र पर आज तक बिजली का कनेक्शन नहीं है। ग्राम पंचायत अधिकारी भारत कुमार सिंह ने बताया कि बिजली के कनेक्शन के लिए बिजली विभाग में अप्लाई किया गया है। चौकीदार के रूप में एक सफाई कर्मी को रखा गया है। जो रात में वहां सोता है, और दिन में उसकी छुट्टी रहती है, अन्य ब्लॉकों से कूड़ा आने पर वहां उसकी तौल करने वाला कोई नहीं है।
अभी इलेक्ट्रॉनिक तराजू भी केंद्र पर नहीं है ।अन्य ब्लॉकों से कूड़ा लेकर आने वाली गाड़ियों का धर्म कांटा पर तौल कर केंद्र पर रखा जा रहा है ।
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