देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह
बलिया आजमगढ़ लखनऊ उत्तरप्रदेश
देव उठानी एकादशी के दिन शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त प्रतिदिन माता तुलसी को जल अर्पित करता है उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है हिंदू धर्म मानता है कि तुलसी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इसीलिए कोई भी पूजा पाठ बिना तुलसी के अधूरा माना जाता है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर मंगलवार को मनाई जाएगी इसी दिन चार माह के पश्चात भगवान विष्णु जागते हैं। इसी दिन से मंगल कार्य प्रारंभ किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी के पौधे में धन की देवी माता लक्ष्मी का वास होता है। इस पौधे की विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। साथ ही उनकी कृपा से मनुष्य को सभी तरह के सुख की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी शालिग्राम का विवाह करने पर कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका
लालगंज प्रतापगढ़
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