पुण्यतिथि गौरीशंकर राय कन्या महाविद्यालय,करनई में आयोजित
सुखपुरा बलिया आजमगढ़ लखनऊ
सुखपुरा(बलिया)।भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वातंत्र्यवीर,प्रखर समाजवादी चिंतक,पूर्व सांसद गौरीशंकर राय व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे।शोषित,वंचित तथा पीड़ित वर्ग के न्याय और समता की आजीवन लड़ाई लड़ने वाले राय साहब ने कभी अपने सामाजिक मूल्यों से समझौता नहीं किया l राय साहब अपने आप को आम जन जीवन से जोड़े रखें और आम जनजीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए संघर्षरत रहे l उक्त बातें स्वर्गीय गौरीशंकर राय की 33 वीं पुण्यतिथि पर गौरीशंकर राय कन्या महाविद्यालय,करनई में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए प्रबंधक वीरेंद्र राय ने कही l
श्री राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में सर्वप्रथम जनहित याचिका दाखिल करने वाले गौरीशंकर राय ही थे l संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर पहली बार हिंदी में संबोधन में राय साहब की महती भूमिका रही l महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस.पी. सिंह ने कहा कि वह युग पुरुष थे और स्त्री शिक्षा को लेकर बहुत गंभीर और सजग थे l उप प्राचार्य डॉ राघवेंद्र प्रताप तिवारी ने राय साहब के सूत्र वाक्य के बारे में बताया कि महिलाओं की शिक्षा,सहजता और स्वतंत्रता किसी भी समाज के विकसित और प्रगतिशील होने का असली मानक है l इसलिए इस आधी आबादी को शिक्षित कर मुख्यधारा से जोड़ने की महती आवश्यकता है l महाविद्यालय के शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ उपस्थित छात्राओं ने भी राय साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किया l श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से डॉ वीरेंद्र यादव, डॉ अखिलेश गुप्ता, डॉ संध्या सिंह, डॉ पूनम देवी, रामजन्म राम, निवेदिता पाठक, हेमलता राय, प्रियंका राय, सुजीत कुमार राय, श्रीमती नेहा पांडे, डॉ पवनेश कुमार तिवारी, डॉ नूर आलम, पल्लवी सिंह, प्रज्ञा त्रिपाठी, निक्की उपाध्याय, सुभाष राय इत्यादि उपस्थित रहे संचालन अंकित चौबे ने किया।
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