समुदाय के चरण, सिद्धान्त, समावेशित विकास, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं कौशल विकास कार्यक्रम पर चर्चा
सिकंदरपुर बलिया आजमगढ़ उत्तरप्रदेश
सर्व सेवा संस्थान द्वारा तीन दिवसीय सत्त पुनर्वास कार्यक्रम ;ब्त्म्द्ध विषयक ’’समुदाय आधारित पुनर्वास’’ पर द्वितीय दिन समुदाय के चरण, सिद्धान्त, समावेशित विकास, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं कौशल विकास कार्यक्रम पर चर्चा विषय विशेषज्ञयों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय दिन सहायक प्रोफसर, दानवीर गौतम, डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने बताया समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यक्रम में विशेष शिक्षकों कि भुमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि विशेष शिक्षक को दिव्यांग बच्चों के पठन-पाठन, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास से सम्बन्धी समस्त जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त होता है। गौतम ने साथ ही शीघ्र हस्तक्षेप कार्यक्रम पर भी चर्चा किया कि हम ग्रामीण परिवेश में दिव्यांग बच्चों कि कैसे पहचान करके शीघ्र हस्तक्षेपन के माध्यम से समाज के मुख्यधारा में जोड़ा जाय।
प्रवक्ता हरिकेश सूर्या ट्रेनिंग एवं पुनर्वास इन्टीट्यूट, आगरा ने बताया कि हमारे समुदाय में बहुत ऐसे संचारी रोग है जो दिव्यांग लोगों को दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करते है साथ ही दिव्यांग बच्चों के अभिभावक को इन रोगों के बारे में पता नही होता है। समुदाय में हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी की भूमिका महत्व रखता है। हमारे दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास, शिक्षा एवं दैनिक क्रियाकलाप हेतु अभिभावक व दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षण देना चाहिए।
प्रवक्ता रामसरन, सर्मपण संस्थान, गाजीपुर ने बताया कि समावेशि समाज के विकास के लिए हमें दिव्यांग व्यक्तियों के अभिभावक और समुदाय के लोगों को जागरूक करना होगा तभी हम दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर एवं समावेशि समाज का निमार्ण कर पायेंगे।
इस अवसर पर ममता प्रजापति, सतेन्द्र कुमार यादव, अभय कुमार पाठक, संदीप कुमार प्रजापति, नागेन्द्र यादव, पवन, अरविन्द्र, सतीश, प्रिंस आदि एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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