वाराणसी खण्ड शिक्षक निर्वाचन 2026 :
मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप, संशोधन की मांग तेज
सुखपुरा (बलिया)।
विजय कुमार सिंह, जो वर्ष 1978 से विधान परिषद के निर्वाचन में प्रतिनिधि के रूप में सक्रिय भूमिका निभाते आए हैं और स्वयं तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, ने कहा कि इस बार प्रकाशित मतदाता सूची अत्यंत अव्यवस्थित और मानकों के विपरीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में मतदेय स्थलों का निर्धारण पारंपरिक मानकों के अनुरूप नहीं किया गया। सामान्यत: सूची तैयार करते समय मतदेय स्थल के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के शिक्षक एवं संबंधित ब्लॉक के विद्यालयों के शिक्षक मतदाता बनाए जाते हैं, परंतु इस बार मनमाने ढंग से मतदेय स्थल तय कर दिए गए हैं, जिससे शिक्षकों को अपने केंद्र की जानकारी तक नहीं मिल पा रही है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि इंटर कॉलेज दुबहर बलिया की निर्वाचक नामावली पार्ट संख्या–19 में राम सिंहासन किसान इंटर कॉलेज दुबहर के 20 कार्यरत तथा दो अवकाशप्राप्त शिक्षकों ने अपना मतदाता फॉर्म बीएलओ को दिया था। लेकिन प्रकाशित सूची में केवल दो अवकाशप्राप्त शिक्षकों को ही मतदाता बनाया गया है, जबकि 20 कार्यरत शिक्षकों का कोई नाम नहीं है। इसी केंद्र पर केवल 12 मतदाताओं को पंजीकृत किया गया है—जिनमें कुंवर सिंह इंटर कॉलेज के 2, मझौली के 2, सुखपुरा के 3 तथा दुबहर के 2 सहित कुल 12 शिक्षक शामिल हैं। उन्होंने इसे राजकोष पर अनावश्यक व्यय का कारण बताया और सवाल उठाया कि इसका जिम्मेदार कौन होगा।
उन्होंने सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला अधिकारी से मांग की कि राम सिंहासन किसान इंटर कॉलेज सहित दुबहर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों के शिक्षकों को नियमानुसार मतदाता के रूप में पंजीकृत किया जाए, जिससे वे मतदान के अधिकार से वंचित न हों और राजकोष पर अनावश्यक भार भी न पड़े।
इसी प्रकार प्राथमिक पाठशाला पूर्वी मतदेय स्थल पर 405 मतदाता दर्ज किए गए हैं, जबकि नगरा क्षेत्र के जनता इंटर कॉलेज नगरा से 27 शिक्षकों ने फॉर्म भरा था, जिनमें से केवल एक प्रधानाचार्य का नाम शामिल किया गया है। इंटर कॉलेज ताड़ी बड़ा गांव और ऊ.मा.वि. दिहांवा से भी सिर्फ एक-एक प्रधानाचार्य को रखा गया है। बाकी 405–7 = 398 वित्तविहीन शिक्षकों को मतदाता बनाया गया है, जिसे शिक्षक नेता ने नियमों के विरुद्ध बताया।
अंत में विजय कुमार सिंह ने जिला अधिकारी से मांग की कि केवल अर्ह एवं नियमानुसार पात्र शिक्षकों को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाए, जिससे निर्वाचन की मर्यादा और पारदर्शिता बनी रहे।


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