लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती

 लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती 

प्रतापगढ़ 

हम लड़कियों /महिलाओं को कदम- कदम पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक कितना कुछ सहती है हम महिलाएं। जैसे लगता है इस पुरुष प्रधान समाज में बेटी होना ही पाप है। कहने को तो सभी कहते हैं कि बेटा -बेटी एक समान। परंतु क्या किसी ने कभी अपनी अंतरात्मा में झांक कर देखा बचपन से बेटियों को घर का काम सिखाया जाता है। जिम्मेदारियां निभाने को कहा जाता है। हम बेटियां /महिलाएं क्यों ना कितना ही ऊंचा पद प्राप्त कर ले परंतु उन्हें इस पुरुष प्रधान समाज में बहुत कुछ सहने को मजबूर होना पड़ता है। जिन लड़कियों ने सफलता प्राप्त की है उनसे पूछो कि उन्होंने परिवार समाज की कितनी यातनाएं झेली है। इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली अगर कोई है तो वह है नारी शक्ति। क्योंकि वह घर, परिवार, समाज का दंश खेलते हुए अपनी खुशियों की कुर्बानी देकर सबको खुश रखने की कोशिश करती है और अपने परिवार को आगे बढ़ाने में, अपने बच्चों को सही दिशा प्रदान करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती रही है।हकीकत यह है कि आज भी लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है महज कुछ परिवारों को छोड़ दे तो अधिकांश परिवारों में महिलाओं को नीचा दिखाकर अपने को सुपर साबित किया जाता है। महिलाओं ने हर युग में संघर्ष किया है और आज तक करती ही आ रही है। चाहे वह स्वयं के मान सम्मान के लिए या फिर स्वतंत्रता शिक्षा उनकी फीलिंग को समझने के लिए हम सभी को विचार करना चाहिए। हम महिलाओं को खुद की जिंदगी अपने हिसाब से नहीं लोगों के हिसाब से जीना पड़ता है परिवार की खुशी के लिए अपनी खुशियों की कुर्बानी देनी पड़ती है। अगर कुछ करना चाहो तो बेमतलब के सवाल खड़े हो जाते हैं और उन सवालों की वजह से कभी-कभी खुद के सपनों का गला घोटना पड़ जाता है।


सीमा त्रिपाठी 

शिक्षिका साहित्यकार लेखिका 

अध्यक्ष महिला शिक्षक संघ 

लालगंज प्रतापगढ़

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