बाहर कमाने वाले व्यक्ति की अपने गांव के प्रति संवेदनशील सोच

 बाहर कमाने वाले व्यक्ति की अपने गांव के प्रति संवेदनशील सोच

बलिया(राष्ट्र की संपत्ति)

प्रदेश में नौकरी कर रहे भिमहर गांव के निवासी ने अपने गांव की स्वच्छता और व्यवस्था को लेकर जो संवेदनशीलता दिखाई है, वह गांव के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती है। लगभग 15 वर्षों से प्रदेश में नौकरी कर रहे यह व्यक्ति साल में एक बार अवश्य अपने गांव आते हैं और गांव की स्थिति को बारीकी से देखते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सभी प्रधानों और जिला पंचायत सदस्यों ने गांव के विकास में अच्छा कार्य किया है, इसलिए वे किसी को दोष नहीं दे रहे हैं, परंतु वर्तमान समय में गांव की कुछ व्यवस्थाएं चिंताजनक रूप ले चुकी हैं।


उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति बंसी बाजार की तरफ से ग्राम भिमहर में प्रवेश करता है, तो सबसे पहले राम छबीला सिंह और उनके भाई सत्यदेव सिंह का घर पड़ता है, जो मंदिर के बिल्कुल सामने स्थित है। ऐसी स्थिति में उनके घर से निकलने वाला गंदा पानी मंदिर के सामने होकर बहता है, जो धार्मिक दृष्टि से भी अनुचित है। जबकि उनके घर के चारों ओर पर्याप्त जगह है जहाँ से पानी निकासी संभव है।


इसी प्रकार पूर्व प्रधान बच्चा सिंह के घर के सामने बनी नाली भी विवाद का कारण बनी हुई है। बताया गया कि उन्होंने सड़क में गड्ढा खोदकर नाली निकाली है, जिससे आवागमन में दिक्कत होती है। आश्चर्य की बात यह है कि उसी मार्ग पर स्थित अन्य घरों — सत्यदेव सिंह, राम छबीला सिंह, राजेंद्र सिंह, मिट्ठू बाबू और मुन्नू बाबू — की नालियां ढकी हुई हैं, लेकिन बच्चा सिंह की नाली खुली है, जिससे सड़क की स्थिति खराब हो रही है।


गांव के इस प्रवासी निवासी ने ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण करें, ताकि मंदिर की पवित्रता और सड़क की सुगमता दोनों बनी रहें। उन्होंने कहा कि गांव का विकास और स्वच्छता केवल जिम्मेदारों का नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।


उनकी यह पहल न केवल ग्राम भिमहर बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक उदाहरण है कि बाहर रहकर भी कोई व्यक्ति अपने गांव की भलाई के लिए कितनी गहराई से सोच सकता है।

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