थाना क्षेत्र पशु और शराब तस्करी का अड्डा

थाना क्षेत्र पशु और शराब तस्करी का अड्डा

बलिया का नरही थाना क्षेत्र पशु और शराब तस्करी का अड्डा, पुलिस की रोज़ाना लाखों में कमाई

बलिया(राष्ट्र की संपत्ति)

यूपी-बिहार की सीमा से सटा बलिया जिले का नरही थाना क्षेत्र इन दिनों पशु और शराब तस्करी का गढ़ बन गया है। गंगा नदी के रास्ते हर रोज़ इंजन चालित नावों से शराब की पेटियाँ और पशु बिहार पहुँचाए जा रहे हैं। तस्करों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने की चर्चा ज़ोरों पर है, जिससे रोज़ाना लाखों की वसूली का खेल चल रहा है।

करीब एक माह पहले कोरंटाडीह चौकी इंचार्ज और सिपाही का वीडियो वायरल होने पर कार्रवाई जरूर हुई थी, लेकिन हालात जस के तस हैं। पुलिसकर्मी के गंभीर आरोपों की न तो जांच हुई और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया। इससे पहले भी एडीजी वाराणसी और डीआईजी आज़मगढ़ की छापेमारी में करोड़ों की अवैध वसूली का खुलासा हुआ था, मगर कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं दिख रहा।

ग्रामीणों के अनुसार शाम ढलते ही नरही से कोटवां नारायणपुर तक गंगा किनारे नावों की आवाजाही तेज हो जाती है। तीन सरकारी शराब की दुकानें—कोट अंजोरपुर, सोहांव और कोरंटाडीह चौकी के पास गंगा किनारे स्थित हैं, जहाँ ग्राहकों से ज्यादा तस्कर पहुंचते हैं। यहीं से बिहार में शराब भेजना आसान हो जाता है।

तस्करों से वसूली के लिए कुछ पुलिसकर्मियों को विशेष तौर पर लगाया गया है, जो बिना वर्दी के बाइक से घूमते रहते हैं। भरौली चौराहे पर तो उनकी ‘परमानेंट ड्यूटी’ रहती है, जहाँ तस्करों से लेन-देन खुलकर होता है।

इसी तरह गंगा पुल के रास्ते भी पशुओं की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। जिन तस्करों से सेटिंग नहीं होती, उनकी गाड़ियों को पकड़कर औपचारिक कार्रवाई कर दी जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे धंधे पर एक बड़े पुलिस अफसर का छत्रछाया है, जिस कारण तस्करी और अवैध कमाई का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।



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