जन्मदिन पर विशेष लेख एवं कविता

 

अतुल राय पत्रकार के जन्मदिन पर विशेष लेख एवं कविता
(लेख एवं कविता: घनश्याम तिवारी)


🎉 जन्मदिन विशेष: जनसरोकारों की आवाज़ - अतुल राय पत्रकार 🎉

आज पत्रकारिता की सशक्त आवाज़, निष्पक्ष और निर्भीक कलम के धनी अतुल राय जी का जन्मदिन है। पत्रकारिता के इस कठिन और संघर्षपूर्ण क्षेत्र में उन्होंने जो पहचान बनाई है, वह न केवल प्रेरणादायी है बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक भी है।

बलिया जैसे संवेदनशील जनपद में रहते हुए उन्होंने जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, सत्ता के गलियारों तक आम आदमी की आवाज़ पहुँचाई और हर उस व्यक्ति के साथ खड़े नज़र आए, जो अन्याय से पीड़ित था।
उनकी लेखनी में जो धार है, वह सत्ता से सवाल पूछती है और समाज को दिशा देती है।

उनका व्यक्तित्व जितना सहज है, विचार उतने ही स्पष्ट और मजबूत हैं। पत्रकारिता उनके लिए केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है।


✍️ एक कविता: "कलम का सिपाही – अतुल राय"

काँपती जुबां को शब्द दे दिए,
बेआवाज़ को आवाज़ दे दिए।
सच की मशाल लेकर चला,
अंधेरे में उजाले बिखेर दिए।

कलम उसकी तलवार बनी,
कभी हथियार, कभी प्यार बनी।
जहाँ अन्याय देखा, वह खड़ा हुआ,
कभी झुका नहीं, कभी डरा नहीं।

है जन्मदिन उसका आज,
भर दो दिलों में एक नया साज।
दुआ है, रहे यश, मान और शक्ति,
सच की राह में कभी न आए बाधा या भ्रांति।

अतुल हैं वह जो अतुलनीय रहें,
हर जन्मदिन पर और प्रखर बनें।
कर्म में अटल, विचारों में दृढ़,
सच्चे पत्रकार, समाज के मर्म को जो पढ़।


🌹 शुभकामनाएँ 🌹

"आपका जीवन सदैव सत्य और न्याय की मशाल जलाता रहे।
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके विचार और ऊर्जा सदैव समाज हित में कार्यरत रहें। जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ 


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