बलिया के 379 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

बलिया के 379 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

गंगा का कहर: बलिया के 379 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, 4.23 लाख आबादी प्रभावित

बलिया। 

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने बलिया में बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। रविवार को चांददियर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर बाढ़ का पानी रिसने लगा, जिससे स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना उपजिलाधिकारी बैरिया आलोक प्रताप सिंह को दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मौके पर पहुंचे और संबंधित विभागों को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।



ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के अधिकारियों और कर्मियों की मदद से रिसाव को रोकने का कार्य शुरू हुआ। सीमेंट की बोरियों में मिट्टी भरकर रिसाव स्थल पर मजदूरों से भराव कराया गया। इसके अलावा पानी के भीतर जेसीबी मशीन की सहायता से भी रिसाव को बंद कराया गया।

एसडीएम आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि हर घर नल जल योजना के अंतर्गत एनएच-31 के नीचे डाले गए पाइप के कारण रिसाव हो रहा था, जिसे पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन एहतियातन मौके पर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की टीम और पुलिस बल को तैनात किया गया है।

कटान से मची अफरा-तफरी, नदियों का रुख भयावह

उधर, बलिया शहर के मोहम्मदपुर और गंगा पार नौरंगा में कटान तेज होने से दहशत का माहौल है। गंगा का जलस्तर रविवार सुबह 8 बजे 59.360 मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसका उच्चतम खतरा बिंदु 60.390 मीटर है। गंगा में प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर की वृद्धि जारी है।

सरयू और टोंस नदियों का भी रुख चिंताजनक है। सरयू का जलस्तर 63.110 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरा बिंदु 64.010 मीटर के काफी करीब है। वहीं टोंस नदी खतरे के निशान को पार करते हुए 60.700 मीटर पर बह रही है।

379 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, सड़क किनारे शरण ले रहे लोग

इन हालातों में जिले के 379 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। करीब 4.23 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर सड़क किनारे और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ग्रस्त गांवों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। 61 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।

प्रशासन सतर्क, मगर नदियों का मिजाज गंभीर

जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन नदियों का बढ़ता जलस्तर लगातार चिंता बढ़ा रहा है। यदि पानी ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं

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