सिकंदरपुर क्षेत्र में 35 से अधिक अवैध जच्चा-बच्चा केंद्र संचालित

 पीड़िता मासूम को गोद में लेकर पहुँची डीएम कार्यालय, जांच के आदेश – सिकंदरपुर क्षेत्र में 35 से अधिक अवैध जच्चा-बच्चा केंद्र संचालित


बलिया(राष्ट्र की संपत्ति)

जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध जच्चा-बच्चा केंद्रों की लापरवाही से प्रसूताओं की जिंदगी खतरे में है। गुरुवार को सहुलाई तकिया (थाना पकड़ी) निवासी खुशबू देवी अपने दूधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के दरबार में पहुँची। फूट-फूटकर रोती पीड़िता ने शिकायती पत्र सौंपा और आरोप लगाया कि झोलाछाप डॉक्टर ने जबरन ऑपरेशन कर उसकी हालत खराब कर दी। जिलाधिकारी ने मामले की जांच मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को सौंपी है। जबरन ऑपरेशन से बिगड़ी हालत पीड़िता ने बताया कि 17 जुलाई को उसकी डिलीवरी पीएचसी गड़मलपुर में हुई थी। डिस्चार्ज के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे उशसा चट्टी स्थित डॉ. अजय यादव के पास ले गए। आरोप है कि डॉक्टर ने बिना जांच किए ही बाएं कांख के घाव का जबरन ऑपरेशन कर दिया। हालत बिगड़ने पर दोबारा बुलाकर उसी स्थान पर फिर से ऑपरेशन कर दिया। स्थिति गंभीर होने पर डॉ. अजय ने उसे डॉ. पी.एल. गुप्ता के पास भेजा, जहां जांच में पता चला कि लापरवाही से नस कट चुकी है, जिसके कारण कांख से दूध गिर रहा है। इलाज में करीब 20 हजार रुपये का खर्च बताया गया। गरीबी में टूटा कहर, मदद की गुहार पर गाली-गलौज पीड़िता ने कहा कि वह बेहद गरीब है। मदद की गुहार लगाने पर डॉ. अजय ने न केवल मना कर दिया बल्कि उसके देवर को गाली-गलौज कर मारपीट कर भगा दिया। मजबूर होकर उसने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। सिकंदरपुर में 35 से अधिक अवैध जच्चा-बच्चा केंद्र यह कोई अकेला मामला नहीं है। सिकंदरपुर क्षेत्र में इस समय करीब 35 अवैध जच्चा-बच्चा केंद्र संचालित हैं, जहां बिना किसी मेडिकल योग्यता के झोलाछाप खुलेआम ऑपरेशन और डिलीवरी कर रहे हैं। महज तीन माह पहले ऐसे ही एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई थी। ढिलाई पर उठ रहे सवाल ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग ने पहले सख्त कार्रवाई की होती तो आज ऐसी घटनाएं न होतीं। कागजों में जांच और खानापूर्ति से झोलाछाप डॉक्टरों का हौसला बुलंद है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस बार प्रशासन सच में इन अवैध जच्चा-बच्चा केंद्रों और फर्जी डॉक्टरों पर शिकंजा कसेगा या फिर एक और मासूम जिंदगी बलि चढ़ेगी?

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