अघोषित बिजली कटौती से बेहाल आम जनता, उपकेंद्र सोनवानी की लापरवाही बनी संकट का कारण

अघोषित बिजली कटौती से बेहाल आम जनता, उपकेंद्र सोनवानी सिकन्दरपुर मालदह मनियर की लापरवाही बनी संकट का कारण



बलिया (राष्ट्र की संपत्ति)


जिले में भीषण गर्मी के बीच विद्युत विभाग की अघोषित कटौती आम जनता के लिए बड़ी परेशानी बन चुकी है। सोनवानी विद्युत उपकेंद्र से जुड़े दर्जनों गांवों में लगातार हो रही बिजली कटौती ने लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, उपकेंद्र सोनवानी सिकन्दरपुर मालदह मनियर से शुक्रवार सुबह कटे बिजली सप्लाई की बहाली शनिवार शाम तक यानी लगभग 34 घंटे बाद हुई। इस दौरान क्षेत्रवासियों को भीषण गर्मी और अंधेरे में समय काटना पड़ा। लोगों का कहना है कि जब भी आपूर्ति बाधित होती है, संबंधित अधिकारी फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझते। न ही कोई स्पष्ट सूचना दी जाती है कि बिजली कब आएगी।

क्षेत्रीय उपभोक्ताओं का आरोप है कि जेई और एसडीओ शासन की मंशा के विपरीत कार्य कर रहे हैं। वे तकनीकी खराबी की सूचना मिलने पर बस लाइनमैन को जिम्मेदारी सौंपकर खुद आराम करते हैं। सप्लाई बहाल हुई या नहीं, इसकी कोई निगरानी नहीं होती।

स्थानीय निवासियों ने यह भी आशंका जताई कि "जब बारिश का मौसम पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है और यह हाल है, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।"

बिजली की इस आँख-मिचौली से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों, बीमारों और महिलाओं को हो रही है। इनवर्टर भी अब जवाब देने लगे हैं और सरकार द्वारा मिट्टी के तेल पर पाबंदी के चलते लोगों के पास कोई वैकल्पिक साधन नहीं बचा है।

छात्रों का भविष्य भी खतरे में पड़ता नजर आ रहा है क्योंकि पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह बाधित हो चुकी है। अभिभावकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

क्षेत्रीय जनता ने जिलाधिकारी बलिया और सदर विधायक एवं परिवहन मंत्री श्री दयाशंकर सिंह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए विद्युत व्यवस्था में सुधार और लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की माँग की है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र के छुटभैया नेता भी इस गंभीर जनसमस्या से मुंह मोड़ चुके हैं, जबकि उनके अपने गांव और मोहल्ले के लोग भी इसी परेशानी से गुजर रहे हैं।


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