पुलवामा शहीदों को नमन

 पुलवामा शहीदों को नमन

प्रतापगढ़

कैसे भुला दूं उनको मैं

 जो शहीद हुए पुलवामा में।।

 सब कुछ लुटा दिया अपना

 भारत माता की रक्षा में |

 कैसे भुला दूँ उनको मैं

जो शहीद  हुए  पुलवामा में।।

 मां हर दिन याद तुझे करके

 नैनो से नीर बहाती है।

 अंतर्मन के द्वन्दो के संग

 खुद ही खुद को समझाती है |

 कैसे भुला दूं उनको मैं

 जो शहीद हुए पुलवामा में।।

 दुनिया के सारे रंग देख

 तेरा प्यार भुला ना पाती है।

 अर्धांगिनी होने का गौरव

 महसूस हमेशा करती है ।

 कैसे भुला दूं उनको मैं

 जो शहीद हुए पुलवामा में।

 जो देशभक्त के भावों से

 जीते मरते हमेशा रहते हैं।

 जो जान दे दिए  सरहद पर

उनको शहीद  हम कहते  है।

 कैसे भुला दूं उनको मैं

 जो शहीद हुए पुलवामा में।।

 वीरों का कलेजा कैसा होता

 जो मौत नहीं दहलाती  है।

 छिपकर घात किया दुश्मन ने

 सामने से हिम्मत नहीं हो पाती है

 कैसे भुला दूं उनको मैं

 जो शहीद हुए पुलवामा में ।।
                                 सिमा त्रिपाठी 

शिक्षिका साहित्यकार लेखिका 

लालगंज प्रतापगढ़

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