जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बलिया आजमगढ़ लखनऊ उत्तरप्रदेश
इस अवसर पर परमानन्द ने बताया कि व्यावसायिक चिकित्सा एक समय के बाद लोगों की इसकी आवश्यकता पड़ती है। इसका मुख्य कारण लोगों को शारीरिक गतिविधियों के बारे में कम जागरूक होना। क्योंकि ग्रामीण परिवेश के लोगों को शरीर के अलग-अलग पोजिसन व पोस्चर के बारे में नही जानते है जिसके कारण वह किसी कार्य को एक ही दिशा में करते है तथा शरीर को स्थिर समय या आराम नही देते है। जिसके कारण शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने लगता है, अन्य बीमारियों में भी व्यावसायिक चिकित्सा कि आवश्यकता होती है। संस्थान का यह उद्देश्य है कि व्यावसायिक चिकित्सा के बारे में लोगों को ज्यादा सें ज्यादा जागरूक किया जाय।
इस अवसर पर सिंधराज ने बताया कि व्यावसायिक चिकित्सा (Occupational Therapy) एक विशेष स्वास्थ्य देखभाल सेवा है, जो व्यक्ति विशेष को शारीरिक, संवेदनशीलता, या संज्ञानात्मक समस्याओं से निपटने में मदद करती है यह लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है।
व्यावसायिक चिकित्सक, लोगों को उनके लक्ष्यों को हासिल करने में मद्द करने के लिए तमाम तरह के उपचार करते है। इनमें प्रमुख है- रोज़मर्रा की गतिविधियां, व्यायाम, समन्वय, संतुलन, और आत्म-नियमन कौशल पर काम करना, विशेष उपकरण उपलब्ध कराना. व्यावसायिक चिकित्सक जरूरतमंदों को उनकी भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक जरूरतों को प्रभावित करते है। यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र वालों की मद्द करते है।
इस अवसर पर सुनिल कुमार प्रजापति, नागेन्द्र यादव, पवन, अरविन्द्र, प्रिंस एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
0 Comments