पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़ पौधे, पशु पंक्षीयों का अहम महत्व है।
घनश्याम तिवारी बलिया
सिकंदरपुर बलिया- सर्व सेवा संस्थान, नवरतनपुर द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पंक्षी बचाओं अभियान रसड़ी गॉव में स्थित संस्था के परांगण से पंक्षीयों के लिए घोसलंे और सकोरे रख कर शुरू किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पंक्षी के प्रति संवेदना विकसित करना। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्या ममता प्रजापति ने बताया कि हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़ पौधे, पशु पंक्षीयों का अहम महत्व है। परन्तु अत्याआधुनिक समय में मनुष्य के हस्तक्षेप से कुछ पंक्षीयों के प्रजातियॉ विलुप्ति के कगार पर पहुच चुकी है। इसके अनेकों कारण है जिसमें कुछ मुख्य है जैसे कीटनाशक दवाओं का अत्याधिक प्रयोग। आज हमारे किसान भाई अपने फसल के पैदावार को बढ़ाने या यू कहे कि कीट से बचाने के लिए कीटनाशक दवाई भरी मात्रा में प्रयोग कर रहे है। दूसरा मुख्य कारण बदलते मौसम गर्मी इतनी बढ़ चुकी है कि पंक्षीयों को पानी और उनके रहने के लिए पेड़ पौधे प्रयाप्त रूप में नही है। जिसके फलस्वरूप बेजुबानों की अकाल मृत्यु हो रही है। हम इंसानों में पहले की अपेक्षा अब संवेदना में भी कमी हो गयी है। एक समय होता था कि जब हमारे घरों में खाने के लिए भोजन बनाता था तब हम प्रथम रोटी अपने पालतु जानवरों के लिए निकाल कर रख देते थे। मुझे याद है जब भी मेरे दादा-दादी जी और नाना-नानी जी खाना खा कर विश्राम करने जाते थे तब वह जानवरों को एक रोटी जरूर खाने के लिए देते थे। जब धान के फसल कटते थे तब वह ऑगन में धान के गुच्छे टॉगते थे जिससे गौरैयॉ पंक्षी उसे चुगती थी। हम पंक्षी के लिए पानी और दाने रखते थे परन्तु अब सब यह क्रियाएॅ हमारे स्वभाव से काफी दूर चली गयी है।
आज के नए युवाओं को पंक्षी और पर्यावरण के बारे में जागरूक करना बहुत ही महत्वपूर्ण बन गया है। संस्था का यह प्रयास है कि समाज के संवेदनशील मुद्दों को समाज के बीच रख कर लोगों को जागरूक किया जाय।
इस अवसर पर अनुराग मनी, सुनिल कुमार प्रजापति, अवधेश यादव, अतुल कुमार, अरविन्द्र, पवन, नितीष मौर्या, प्रिंस, सतीश आदि एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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