बेजुबानों से प्यार

पशु पक्षी बेजुबान भले ही होते हैं परंतु भावनाओं को समझते हैं


बेजुबानों से प्यार

प्रतापगढ़ 

बेजुबान  प्राणी भी प्यार की भाषा समझते हैं पशु पक्षी बेजुबान भले ही होते हैं परंतु भावनाओं को समझते हैं आप उनसे प्यार करते हैं या नफरत यह बात वह भली-भांति समझते हैं हमें पशु पक्षियों के साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार करना चाहिए ईश्वर ने मनुष्य को सबसे ज्यादा बुद्धि दिया है और इसीलिए मनुष्य को सिर्फ मनुष्य से ही नहीं वरन पशु पक्षियों की देखभाल करना तथा प्रेम पूर्ण व्यवहार करना चाहिए मनुष्य की बोलचाल की भाषा शक्ति ही सभी प्राणियों से श्रेष्ठ बनाती है यदि आप जानवर, पक्षियों से प्यार करेंगें तो बदले में वह भी आपको प्यार ही देंगे भले ही बोल ना पाए किंतु हमारे प्रति  उनका व्यवहार सब कुछ बता देता है यह परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य बनकर हमारी सुरक्षा करते हैं और तनाव को भी कम करने में सहायक होते हैं इंसान के पास अपने जज्बातों को जाहिर करने के लिए शब्द है परंतु बेजुबान जानवरों तथा पक्षियों के प्रेम पूर्ण व्यवहार ही इनके प्रमाण होते हैं इन बेजुबानों को कभी सताना नहीं चाहिए कहते हैं कि प्यार की भाषा के आगे इंसान ही नहीं बेजुबान भी झुक जाता है इसलिए मनुष्य को सिर्फ मनुष्य से ही नहीं वरन बेजुबान जानवर- पक्षी की रक्षा करना  भी परम कर्तव्य है हमें पशु- पक्षियों की देखभाल करनी चाहिए जिससे उनको जीवनदान मिलता रहे प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन में पशु पक्षियों बेजुबानो के प्रति प्रेम और आत्मीयता का भाव रखना चाहिए।

सीमा त्रिपाठी

शिक्षिका साहित्यकार लेखिका

लालगंज प्रतापगढ़।

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