अगर आपने स्वयं को नहीं पहचाना तो सफलता पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है

 अगर आपने स्वयं को नहीं पहचाना तो सफलता पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
स्वयं को पहचानो
 प्रतापगढ़ सीमा त्रिपाठी
मैं क्या हूं?मेरे भीतर कौन-कौन सी शक्तियां है।कौन सी क्षमता प्रबल रूप में है।कैसी भावना है लोगों के प्रति और किस कार्य को करने से मुझे संतुष्टि मिलती है। बहुत जरूरी है यह सब जानना अगर आपने स्वयं को नहीं पहचाना तो सफलता पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।आपको अपना कार्य अपने हिसाब से करना चाहिए किसी के कहने से नहीं। अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचानकर दृढ़ संकल्प करके किसी कार्य को किया जाए तो उस कार्य में सफल होना आवश्यक है। स्वयं से बड़ा मित्र कोई नहीं और स्वयं से बड़ा आलोचक कोई नहीं।जब हम कुछ अच्छा कर पाते हैं तो हमारी अंतरात्मा हमें प्रोत्साहित करती हैऔर आगे उससे भी बेहतर करने की सोच हमारे अंदर उत्पन्न करती है।वहीं दूसरी तरफ असफल होने पर हमारी अंतरात्मा ही हमें यह ज्ञान कराती है कि मुझसे कौन कौन सी गलतियां हुई थी। हमारा अंतर्मन हमें परिणाम का ज्ञान करा देता है।हमारी सोच हमारे विचार ही हमारे परिणाम का सृजन करते हैं। इसलिए बच्चों को बचपन से ही उनकी स्वयं की शक्ति से परिचय कराना चाहिए।और उन्हें यह बताना चाहिए कि तुम्हारे भीतर अनंत शक्तियां  विद्यमान है। उन्ही अंतर शक्तियों को जागृत करके आप अपने जीवन पथ पर सफलता हासिल कर सकते हैं। बस जरूरत है स्वयं को पहचानने की।


सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका
  • लालगंज प्रतापगढ़

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