नाली निर्माण को लेकर राजस्व टीम के सामने पुलिस और पब्लिक में नोक झोंक 30 मिंट
बलिया आजमगढ़ लखनऊ उत्तरप्रदेश
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद अंतर्गत सिकंदरपुर तहसील के ब्लॉक नवानगर की मझौलिया गांव में नाली निर्माण को लेकर के पुलिस और पब्लिक के बीच नोक झोंकऔर ईट पत्थर चले जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के बैंड बजी हो रही है प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व विधायक भगवान पाठक ने घटना को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से यह मांग किया है कि महिलाओं के साथ जिस तरह से दुर्व्यवहार किया गया है उसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए उन्होंने अभी कहा है कि अगर महिलाएं गलती की है तो महिला पुलिसकर्मियों के साथ उनको पहले ही क्यों नहीं गिरफ्तार कर लिया गया जब नायब तहसीलदार सीपी यादव को पहले से पता था तो पुलिसकर्मियों के द्वारा पुलिस प्रोटेक्टर एवं हेलमेट का प्रयोग क्यों नहीं किया गया क्योंकि जो पुलिसकर्मी वहां मौजूद है किसी के सर पर हेलमेट और शरीर पर पुलिस protector नहीं है जिस पुलिसकर्मी को घायल बताए जा रहा है वह पुलिस कर्मी मोबाइल से अपनी वीडियो बना रहा है उसके सर पर हेलमेट नहीं है और ना ही पुलिस प्रोटेक्टर है वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश सिंह गुड्डू ने अपना बयान जारी किया है की मझौलिया गांव में जो घटनाएं हुई है वह नीदनीय है वहां का प्रधान प्रतिनिधि हरे राम साहनी को पंचायत राज अधिनियम के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि अगर पंचायत राज अधिनियम उनको मालूम होता और उनके ग्राम सभा के ग्राम विकास अधिकारी को मालूम होता तो जी सेक्टर के बीच में खड़ंजा लगा है उसके बीच में नाली खुदाई करने से पहले पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत एक समिति बनाई जाती है जो 5 सदस्य होती है ग्राम पंचायत अधिकारी वीडियो पंचायत खंड विकास अधिकारी उप जिला अधिकारी और विकास अधिकारी इसके नामित सदस्य होते हैं और उनके देखरेख में जो खंजा के अंदर से ईट निकलती है उसको नीलम किया जाता है या ग्राम सभा के रास्ता निर्माण में प्रयोग किया जाता है लेकिन पांच सदस्य टीम को अपने रिपोर्ट तैयार करनी होती है अगर देखा जाए तो 4 महीने से इस नाली निर्माण का विवाद चल रहा था ब्लॉक और तहसील तथा थाना का चक्कर दोनों पक्षों के द्वारा लगाया जा रहा था इसका नतीजा आ गया हुआ कि महिलाएं बच्चियों और बच्चे को जेल का हवा खाना पड़ा इन लोगों को कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए था कानून का पालन करना चाहिए था और अधिकारियों को भी अपने सूज- बुझ का परिचय देना चाहिए था घटनास्थल की वीडियो और क्षेत्राधिकार का बाइट समाचार के साथ संलग्न है आप पढ़ करके खुद ही विचार कर सकते हैं की किसके अंदर गलती है खैर जो भी हुआ कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए और अधिकारियों को भी इतना बड़ा कदम नहीं उठाना चाहिए कि किसी का जीवन खराब हो जाए अगर 5 मीटर दूर पर ही नाली स्थिति तो उसे नाली में इस नाली को मिला देना चाहिए था उसमें गांव सभा का पैसा भी बचत होता समय भी बचत होता और उसे पैसे का दूसरा कार्य होता खैर जो भी हो ऐसी घटना की पुर्नवृत्ति कभी नहीं होनी चाहिए
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