नए साल में कुछ ऐसा करते हैं
अच्छे कर्म का फल हमेशा सुखदाई होता
अलविदा 2024 सुस्वागतम 2025
प्रतापगढ़
प्यारे मित्रों 2024ने किसी को हंसाया तो किसी को रुलाया। किसी को आसमान की ऊंचाई तक पहुंचाया तो किसी को खाई में गिराया। खैर इसमें ज्यादा सोचने वाली बात नहीं है क्योंकि यह संसार कर्म क्षेत्र है, जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलना निश्चित है। 2024 में आपने क्या-क्या किया अब सोचने से कोई फायदा नहीं है 2025 में हमें क्या करना है इस पर विचार करते हैं। हमें अपनी सामर्थ्य के अनुसार किसी जरूरतमंद को कंबल देना चाहिए, कुछ व्यक्तियों को भोजन, कुछ व्यक्तियों को स्वेटर, सड़कों पर घूमती गाय को चारा पानी की व्यवस्था करना, असहाय व्यक्ति को आश्रय देकर हम अपना जीवन सफल व सार्थक बना सकते हैं। हमारे साथ हमारा कर्म ही जाएगा तो हम अच्छे कर्म करके आपस में खुशियां बांटने का प्रयास क्यों ना करें। कुकर्मों का प्रभाव कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपकी कई पीढ़ियां संस्कारवान तथा सुयोग्य बने तो आज ही से अच्छे कर्मों की शुरुआत कर देनी चाहिए। इन्हीं कामों से आपकी सद्गति होनी है। मीठी बोली, आदरपूर्वक शब्दों का इस्तेमाल, बड़ों का सम्मान, यह सब आपके व्यक्तित्व को निखारते हैं। हमारे कर्म ही हमारा भविष्य का निर्माण करते हैं और हमारे आसपास के लोगों को प्रभावित करते हैं ईश्वर की दृष्टि में जो अच्छे कर्म होते हैं उन्हें पुण्य कहा जाता है और जो बुरे कर्म होते हैं उन्हें पाप कहा जाता है। अच्छे कर्म का फल हमेशा सुखदाई होता है। कुछ लोगों का कहना है कि हमारा भाग्य खराब है परंतु उन्हें यह नहीं मालूम कि कर्म से ही भाग्य बनता है भाग्य खराब और अच्छा नहीं होता है। कर्म अच्छा करोगे तो भाग्य अच्छा होगा कर्म खराब करोगे तो भाग्य खराब होगा। इसलिए कर्म ही सर्वोपरि है। हम सभी को अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए भगवान श्री कृष्ण ने भगवदगीता में कहा है-----
कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन
अर्थात् हमारा अधिकार केवल कर्म करना है। फल पर अधिकार नहीं है। अतः तुम फल की इच्छा न रखते हुए निरंतर कर्म करते रहो।
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका
लालगंज प्रतापगढ़
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