बजंरग बली की बखूबी बख़्यान

 अगर किसी व्यक्ति के हाथों में मंगल रेखा मौजूद है। है तो इसका अर्थ है कि योग बजरंगबली आप से बहुत प्रसन्न हैं

नवादा बिहार

नवादा- हनुमान जी हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से एक है। उन्हें भगवान राम के परम भक्त के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस भी व्यक्ति पर हनुमान जी की कृपा बरसती है, उसे का जीवन में किसी प्रकार का कष्ट रहा नहीं सताता। ऐसे में जब की हनुमान जी आपसे प्रसन्न होते है तो आपको कुछ संकेत मिलने लगते हैं। अगर किसी व्यक्ति के हाथों में मंगल रेखा मौजूद है। है तो इसका अर्थ है कि योग बजरंगबली आप से बहुत प्रसन्न हैं। जिसके चलते आपके राशि जीवन की सारी परेशानियां दूर ही होने वाली है। हनुमान जी की पर कृपा से परिवार के सदस्यों नेका का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है,


नवादा- हिंदू धर्म की मानें तो सप्ताह का हर दिन किसी म किसी भगवान को समर्पित होता है। सोमवार भोलेनाथ का और मंगलवार राम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। मंगलवार को जो भक्त हनुमान जी की सच्चे दिल से पूजा, सेवा करता है वह उन्हें कभी भी निराश


नहीं करते और हर संकट से लाभकारी माना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं आज आपको बताते हैं कि यह व्रत कैसे करना चाहिए और इसके फायदे क्या-क्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ऐसे में इन राशि वालो को मंगलवार का व्रत करना चाहिए। कर्क राशि में मंगल का माना गया है इसलिए लोगों को भी व्रत करना चाहिए। इससे हनुमान और मंगल देव की कृपा दृष्टि सदा पर बनी रहेगी और आपको सृष्टि में मान-सम्मान, बल, पुरुषार्थ में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कब शुरु कर सकते है मंगलवार का व्रत ? शास्त्रों के अनुसार, किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष के मंगलवार से यह व्रत शुरु करना चाहिए। खासतौर पर ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में आने मंगलवार का विशेष महत्व है क्योंकि इसी महीने मंगलवार को श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेट हुई जिसे बड़ा मंगल कहते हैं। मंगलवार व्रत करना चाहिए? 21 या फिर 45 मंगलवार तक व्रत रखना शुभ माना जाता है लेकिन कुछ हनुमान भक्त इसे पूरी उम्र रखते है। आखिरी मंगलवार व्रत के बाद आने वाले अगले मंगलवार (22 या 46 मंगलवार को उद्यापन) को इसका विधि वित उद्यापना करें। कैसे शुरु करें मंगलवार का व्रत ? पहले मंगलवार को स्नान से निवृत्त होकर हनुमान जी के सामने बताई संख्या के अनुसार, व्रत का संकल्प ले। हर मंगलवार को सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद लाल रंग के कपड़े पहनें। घर के ईशान कोण में हनुमान आ का के रक्त है। दूर होते हैं इस व्रत को करने से सारी बुरी शक्तिया दूर होती है।


यदि किसी व्यक्ति को सपने में हनुमान जी या राम जी के दर्शन होते हैं, तो इसका अर्थ है कि आपके और आपके परिवार के ऊपर बजरंगबली की कृपा बरसने वाली है और आपको जीवन में चली रही सभी समस्याओं से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। ये है कृपा प्राप्ति का संकेत- यदि आपके ऊपर किसी प्रकार की शनि बाधा नहीं है यानी आपको शनि की साढ़े साती या बैया सामना नहीं करना पड़ है, तो यह भी हनुमान जी कृपा का ही संकेत है। साथ ही जो व्यक्ति निर्भीक होता है, उस पर भी संकट मोचन जी की कृपा मानी जाती जब कुंडली में बने ऐसे जब किसी जातक की कुंडली में मेष, वृश्चिक या मकर में मंगल होता है. साथ सूर्य एवं बुध एक ही जगह बैठे होते हैं। तब मंगल नामक एक योग बनता जो हनुमान जी की कृपा है। जब सपने में हो दर्शन बरसने का संकेत देता है। हैं। नीच इन आप भी वाले होता थी कितने


उन्हें बचाने के लिए आते हैं। इसी कारण मंगलवार के व्रत का भी विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार को व्रत करने से अमंगल का नाश होता है, मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए भी मंगलवार का व्रत बहुत ही


जी के आसन के लिए चौकी रखें। उस पर बजरंगी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। आप हनुमान मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते है। पूजा में हनुमान जी को सिंदूर में चमेली का तिल मिलाकर चोला चढ़ाएं। लाल रंग के फूल, वस्त्र, नारियल, गुड, चना, पान का बीड़ा अर्पित करें। बूंदी, इमारती, बेसन के लड्डू इनमे से किसी भी निष्ठान का भोग लगाएं। यह सारी चीजें हनुमान जी को अति प्रिय है। साथ ही राम साथ ही इस दिन राम सीता का स्मरण भी करें। इन दोनों के बिना हनुमान की की पूजा अधूरी मानी जाती है। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और अंत में हनुमान जी की आरती करें। हर मंगलवार को जरुरतमंद व्यक्ति को गुड़, नारियल, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, भूमि का दान करें। संध् यकाल में पुनरू हनुमान जी को स्मरण के बाद ही व्रत का पारण करें। मंगलवार का व्रत करने के फायदे शास्त्रों के अनुसार, शनि की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार का व्रत श्रेष्ठ माना जाता है। इसके प्रताप से जातक को साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से राहत मिलती है। संतान उत्पत्ति में यदि बाधा रही है या फिर शादी में देरी हो रही है तो मंगलवार व्रत करें। इससे मंगल दोष कारण विवाह में आ रही रुकावट भी दूर होती है। मंगलवार का व्रत करने से संबंधी परेशानियां दूर होती क्रोध पर काबू पाने की शक्ति मिलती है। तमाम संकट



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